
आदरणीय पंडित सुरेश नीरवजी का भ्रष्टाचार पर आलेख बहुत बढ़िया लगा। लोगों की पेंशन तक भीनहीं छोड़ी, उसे भी खा गएलोग। मीडिया भी बिक चुका है जो चौथा खम्भा है। बचा क्या है। चारों तरफ घूस ही घूस। उन्होंने बताया कि-जगाया उसे जाता है जो सो रहा हो, किन्तु जो सोने का स्वांग रचे उसे आप चाहकर भी नहीं जगा सकते हैं। जन और जनतंत्र की पोल खोल दी। बहुत अच्छा लगा लेख। बधाई। नमन।
दया निर्दोषीजी की पाती मकबूलजी के नाम -बहुत अच्छी लगी। बधाई।
डा० प्रेमलता नीलम की गजल ने शमां बाँध दिया। अच्छी लगी। बधाई ।
योगेश विकास
No comments:
Post a Comment