यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Monday, August 22, 2011
मौसम है बेईमान ख़ुदा खैर करे
मित्रो, अभी जो हज़ल मैंने पोस्ट के उसका मख्ते से पहले का शेर यूँ है।
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