अरविंद पथिकजी,
0 आपने रायटर्स डेस्क काव्य-संध्या की बेहतरीन रिपोर्टिंग की और उम्दा फोटोग्राफ्स से लोकमंगल के पाठकों को अवगत कराया। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
0 आजादहिंद फौज में नेहरूजी के प्रशंसक होना एक चौंका देनेवाला तथ्य है। साथ ही यह नेहरूजी की लोकप्रियता का सबूत भी। दरअस्ल उस दौर में युवाओं के चहेते दो ही जीवित .युवानेता थे-एक नेताजी सुभाषचंद्र बोस और दूसरे जवाहर लाल नेहरू। बिस्मिलजी,चंद्रशेखर आजाद और भगतसिंह तो पहले ही अपनी शहादत दे चुके थे। आप आजादी के संघर्ष के काफी अनछुए पहलुओं से रू-ब-रू करा रहे हैं,यह महत्वपूर्ण बात है। आज जबकि बाबारामदेव और अन्नाहजारे के आंदोलनों पर जो छीछालेदर मची हुई है उस दौर में इन क्रांतिकारियों की गतिविधियां तो बहुत ही सुखकारी लगती हैं।
पंडित सुरेश नीरव
0 आपने रायटर्स डेस्क काव्य-संध्या की बेहतरीन रिपोर्टिंग की और उम्दा फोटोग्राफ्स से लोकमंगल के पाठकों को अवगत कराया। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
0 आजादहिंद फौज में नेहरूजी के प्रशंसक होना एक चौंका देनेवाला तथ्य है। साथ ही यह नेहरूजी की लोकप्रियता का सबूत भी। दरअस्ल उस दौर में युवाओं के चहेते दो ही जीवित .युवानेता थे-एक नेताजी सुभाषचंद्र बोस और दूसरे जवाहर लाल नेहरू। बिस्मिलजी,चंद्रशेखर आजाद और भगतसिंह तो पहले ही अपनी शहादत दे चुके थे। आप आजादी के संघर्ष के काफी अनछुए पहलुओं से रू-ब-रू करा रहे हैं,यह महत्वपूर्ण बात है। आज जबकि बाबारामदेव और अन्नाहजारे के आंदोलनों पर जो छीछालेदर मची हुई है उस दौर में इन क्रांतिकारियों की गतिविधियां तो बहुत ही सुखकारी लगती हैं।
पंडित सुरेश नीरव
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