यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
Search This Blog
Tuesday, April 24, 2012
प्रकाश प्रलयजी
कुत्ते के कारण गुम होता आदमी का वजूद और व्यवस्था का प्रयोगवाद दोनों ही क्षणिकाएं लाजवाब हैं। बधाई हो।
पंडित सुरेश नीरव
No comments:
Post a Comment