यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
Search This Blog
Monday, June 16, 2014
सब्ज़ बाग़ दिखाते रहो ,बियबान में , अन्धे बहुत आते हैं दुकान में। घनश्याम वशिष्ठ
No comments:
Post a Comment