tag:blogger.com,1999:blog-4303184130939504616.post8149048829151727787..comments2024-03-20T21:54:51.142-07:00Comments on जय लोक मंगल: कौन है ब्राह्मणAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/01564133365279607285noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-4303184130939504616.post-37230582483842231102012-02-15T06:06:20.901-08:002012-02-15T06:06:20.901-08:00शमो दमस्तप:शौचं क्षान्तिरार्जवमेव च /
ज्ञानं विज्...शमो दमस्तप:शौचं क्षान्तिरार्जवमेव च /<br />ज्ञानं विज्ञानमस्तिक्यम,ब्रह्म कर्म स्वभावजम //[गीता १८ /४२ <br />अर्थात शम[अंत:करण का निग्रह ],दम[इन्द्रिय ,दमन ] शौचं [शुद्धि ] तप [धर्मार्थ कष्ट सहना ],क्षान्ति [क्षमा भाव ]आर्जव [सरलता ]आस्तिक्यम[आस्तिकता ],ज्ञानं [शास्त्र ज्ञान ]विज्ञानम [परमात्म अनुभव ]<br />जिस व्यक्ति में स्वभाव स्वरूप रहते हैं वह ब्रह्माण है /Dhurvendra Bhadauriyahttps://www.blogger.com/profile/05869515617538810914noreply@blogger.com