यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, December 28, 2011
शब्दिका -- --------------- खराब हुए न जाने कितने दिन , न जाने कितनी रातें ----- लोकपाल जितने मुँह उतनी बातें ---- --------------------- प्रकाश प्रलय कटनी -------------------------------
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