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Monday, July 6, 2009

कर्नल विपिन चतुर्वेदीजी

कर्नल विपिन चतुर्वेदीजी इस्लाम में चौदहवीं के चांद का बड़ा महत्व होता है और हमारे यहां पूर्णिमा के चांद का। कल गुरुपूर्णिमा है। आप गुरुपूर्णिमा के चांद की तरह प्रकट हुए हैं,क्योंकि कल गुरुपूर्णिमा है। इससे लग रहा है कि उत्तराखंड में अब लाइट ठीक-ठाक आ रही है। बधाई। लिखते रहेंऔर दिखते रहें। पालागन...
पं. सुरेश नीरव
एक ताज़ा गजल देता हूं
खुशबू तुम्हारी याद की आई हवा के साथ
जैसे कि दे दुआएं भी कोई दवा के साथ
सुस्ता रहे हैं अश्क भी पलकों की ले के छांव
होता है रंज भी इन्हें कितनी अदा के साथ
जीना मुहाल करके भी वो पूछता है हाल
वो शख्स जिसमें ज़हर था मीठी जुबां के साथ
रातों पे भी लिक्खा था नई रोशनी का नाम
रक्खा था क्या चराग भी तुमने जला के साथ
वो दिल के पास-पास है मगर नज़रों से दूर-दूर
हमको मिली रिहाई भी लेकिन सजा के साथ
ज़ख्मी परों पे अपने उठा लेगें आसमान
चलके तो देखिए ज़रा यारो हमारे साथ
रूठेंगे आपसे भी सफ़र में ज़रूर लोग
चल पाया कौन है सबको यहां पर मिला के साथ
काली घटाएं जुल्फ में आंखों में बिजलियां
मुश्किल है उम्र काटना ऐसी बला के साथ।
पं. सुरेश नीरव

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