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Wednesday, July 22, 2009


पं. सुरेश नीरव का ब्लॉग आज लॉक हो गया है। उन्होंने मुझसे कहा है कि मैं सभी बंधुओं को बता दूं। उन्होंने हनुमानजी पर एक गजल लिखी है,ओर मुझे सुनाई है,मैं उसे अपने ब्लॉगर बंधुओं तक पहुंचा रहा हूं
अर्थ हनुमान का जो ना बूझा
तुमने श्री राम को कहां पूजा
पल में लंका जला के राख करे
ऐसा बलवान है कहां दूजा
प्रभु हंसते हुए वहीं आए
मंत्र विश्वास का जहां गूंजा
सींच मन की धरा दया-जल से
रेत में खिलता है कहां कूजा
स्वार्थ का भाव भी जहां सूझा
व्यर्थ सारी हुई वहां पूजा।
पं. सुरेश नीरव

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