यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Saturday, July 4, 2009
अब भागो!
भगवान सिंह हंस आप मे लतीफा पढ़वाकर मेरा मन भी ऐसा कर दिया कि मैं भी लतीफेबाजी पर उतर आया हीं और दो चुटकुले पेलता हूं। मज़े लीजिए...
डॉक्टर (मरीज से)- मुझे तुम्हारा ऑपरेशन दोबारा करना पड़ेगा।
मरीज (डॉक्टर से)- क्यूं???
डॉक्टर- मेरे रबड़ के दास्ताने तुम्हारे पेट में रह गये हैं।
मरीज- अगर ये बात है तो मुझे जाने दो, मैं तुम्हारे दास्ताने के पैसे दे दूंगा।
एक छोटा बच्चा बहुत देर से घर के बाहर खड़ा दरवाजे की घंटी बजाने की कोशिश कर रहा था। तो एक वृद्ध व्यक्ति आया और बोला- क्या कर रहे हो बेटा?
बच्चा- अंकल, ये घंटी बजाना चाहता हूं।
वृद्ध व्यक्ति (घंटी बजाकर)- ये तो बज गयी अब क्या है।
बच्चा- अब भागो!
प्रेषकः चांडाल
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