अभी ब्लॉग देखा तो राजेन्द्र अवस्थी जी के निधन का दुखद समाचार मिला। प्रभु उनकी आत्मा को शान्ति दे।
आज इस साल का आखरी दिन है। कल से नया साल यानी सन २०१० का आगाज़ होगा। इस अवसर पर समस्त ब्लॉगर बांधव एवं ब्लॉग के दर्शक/पाठकों को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ.नया सब को समृद्धिदायक और मंगल मय हों।
नए साल के आगाज़ पर एक ग़ज़ल कही थी, आज उसे दोबारा पेश करता हूँ।
हर तरफ़ चांदनी हो नए साल में
होठों पर रागिनी हो नए साल में।
हर दिशा खुशबूओं से महकती रहे
महके फिर रातरानी नए साल में।
इस वतन में हैं जितने भी चिकने घड़े
काश हों पानी- पानी नए साल में।
दर्दो- दहशत का नामो- निशाँ ना रहे
हो हवा जाफरानी नए साल में।
अब न मक़बूल फिर हो धमाका कोई
हो यही मेहरबानी नए साल में।
मृगेन्द्र मक़बूल
2 comments:
बहुत बढ़िया!!
आपको व आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
shuriyaa paramjeet bali ji.
maqbool
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