Search This Blog

Friday, January 15, 2010

मोबाइलवाले जेब काटते हैं

मीडिया डेस्क |  बुधवार , 13 जनवरी 2010 mobile-phone.jpgमोबाइल कनेक्शन देने वाली कंपनियां सस्ते एसएमएस के नाम से करोड़ों उपभोक्ताओं से करोड़ों अरबों रुपये वसूल कर लेती है और लोगों को इसकी भनक तक नहीं पड़ती है।  एक शोध में खुलासा हुआ है कि  नियमित रूप से एसएमएस करने वाले अपने जीवन में इतने संदेश भेज देते हैं, जितने में वे एक लक्जरी कार खरीद सकते हैं!  इंग्लैंड की एक वेब साईट राइटमोबाइल डाट को डाट यूके द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मोबाईल फोंन से लोग हजारों हजार एसएमएस करते है, जिनकी लगभग कीमत 28 हजार पौंड ( 22 लाख रुपये) बैठती है। यह अध्ययन दो हजार से ज्यादा ऐसे लोगों पर किया गया, जो महीने में औसतन पाँच सौ एसएमएस भेजते थे और करीब 600 मिनट बातचीत फोन पर करते थे।  अध्ययन में शामिल प्रत्येक दस में से सात व्यक्ति ने कहा कि वे दोस्तों के साथ उतना वक्त नहीं बिताते, जितना उनसे बात करने और उन्हें एसएमएस करने में। 41 प्रतिशत ने कहा कि वे प्रेमिका के साथ भी फोन पर ज्यादा बातचीत करते है। जबकि मुलाकात में बात कम होती है।
मीडिया डेस्क |  बुधवार , 13 जनवरी 2010 नई दिल्ली के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने सडक हादसे में अपनी आँखें गँवाने वाले अनिवासी भारतीय डॉक्टर को 14.55 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाने का फैसला सुनाया है। रीना सिंह नाग की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने दुर्घटना में शामिल दोनों कारों की बीमाकर्ता ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से पीडित सरोज केसर को मुआवजे की रकम एक महीने के भीतर देने के लिए कहा। उललेखनीय है कि केसर भी पेशे से डॉक्टर हैं। 17 फरवरी 1995 की रात दुर्घटना के वक्त केसर गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर थे। दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार में आउटर रिंग रोड पर यह हादसा हुआ था। हादसे में शामिल दूसरी कार आईटीसी लिमिटेड की थी।  हादसे में केसर के आँखों की रोशनी 75 फीसदी तक चली गई थी जिसके लिए उसने 1.6 करोड रुपए मुआवजे की माँग की थी।
 

No comments: