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Monday, January 25, 2010

अमन की आशा




भाईयो जय लोकमंगल, जय गणतंत्र।
आप सभी जानते होंगे कि भाई पं. सुरेश नीरव जी विदेश भ्रमण और हिंदी की श्री वृद्धि हेतु इटली आदि गए हुए हैं मैं उनकी सफल यात्रा की हृदय से कामनाएं करता हूं। और उन्हें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।
मुझे मालूम है कि वो चाहे विदेश में हैं मगर उनका दिल अभी यहीं भारत में है, आज भारत के गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या और कल गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं सभी भाईयों को गणतंत्र की बधाई देता हूं और ये कविता इस मौके पर पेश कर रहा हूं, शायद आपको पसंद आए।


घर घर में आज जगती है, हर सुबह अमन की आशा,
टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जंग का, देखो नया तमाशा,

पीठ में ख़ंजर भोंका जिनने, मानवता को ही छला,
आज बोलते चले हैं वोही, कैसी शांति की भाषा,

ज़मीन के लालच को धर्म का मुखौटा पहना,
जिन जल्लादों ने छीना भारत माँ का गहना,
आज उन्ही से रखनी होगी, हमको प्रेम की अभिलाषा
वाह रे टाइम्स ऑफ इंडिया, क्या खूब है तेरी आशा.

देखो कैप्टन कालिया, ऐसा हुआ आपका बलिदान,
आज अफ़ज़ल गुरु और क़सब को शायद मिल जाये जीवनदान,
छब्बीस-ग्यारह दोहराने को बेचैन हैं जिनके जेहादी,
दोस्ती का राग सुना रहे, वही कियानी, ज़रदारी और गीलानी,
कौआ चले हंस की चाल, देखो इनकी मीठी भाषा,
हमें दोस्ती का पाठ पढ़ाएंगे, अब सूजा अहमद पाशा.

हमारे अपने नेताओं ने, देश को भी नहीं बख़्शा
नपुंसक से भी कम पौरुष जिनमें, वो करेंगे देश की रक्षा?
बातचीत के ज़रिये ये, मिटा देंगे सारे भेद
आधा कश्मीर खोने का, इनको ज़रा नहीं खेद,
राष्ट्र को किया लज्जित, दी शर्म-अल-शेख़ में निराशा,
समझे नहीं हम किसने लिखी आख़िर उस दस्तावेज़ की भाषा.
कब तक जयचंदों को जनती रहेगी हे माता!
कब तक तेरे बच्चों को होती रहेगी हताशा,

आतंकवाद की आग में जब जल रहा है पाकिस्तान,
ऐसी हालत में इनके हृदय में जागा है इंसान,
दिल्ली मुंबई अहमदाबाद ने जब की थीं जानें क़ुर्बान,
मन ही मन खुश होते थे यही पाकी हैवान,
देखो भारतवासियों, रखना इतना ध्यान,
राष्ट्रभक्तों के हाथ में ही सदा देना तुम कमान,
झूठे धर्म-निरपक्षों से रहना तुम सावधान,
वोट बैंक बनकर कभी मत करना मतदान.

बोस, पटेल, सावरकर ने, जिस देश को है तराशा,
लूट ना ले उसको फिर, यह झूठी अमन की आशा.
घर घर में आज जगती है, हर सुबह अमन की आशा,
टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जंग का, देखो नया तमाशा.

प्रस्तुति-प्रदीप शुक्ला

1 comment:

Udan Tashtari said...

बढ़िया !!


गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.