नीरवजी आपकी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी।बधाई। हंसजी का भरत चरित मकबूलजी की सदियों बाद आई गजल और राजमणिजी की तथा डाक्टर रमा द्विवेदी की गजल भी शानदार हैं। स्वामी प्रशांत योगीजी का भावभीना आमंत्रण मिला। उनके न्योते के लुए हार्दिक आभाऱ.. जल्दी ही कार्यक्रम बनाया जाएगा। अच्छा हो जयलोकमंगल के और भी साथी चलें। इस तरह की यात्राएं हमें एक-दूसरे को पढ़ने-समझने का पर्याप्त मौका देती हैं। नीलमजी भी खूब लिख रही हैं। उन्हें भी बधाई। ओशो के विचार देकर ब्लाग पर आध्यात्मिक वातावरण बनाकर एक श्रेष्ठ कार्य किया जा रहा है।
विजया दशमी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं..
डाक्टर मधु चतुर्वेदी0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000
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