क्या कहें रावण को..
तमाम गुणों के ज्ञाता
नवग्रहों के भाग्यविधाता
अगर आपके पास अहम नहीं होता
तो सदियों का यह अपयश
आपके जीवन में कभी नहीं आता
इतनी-सी बात मगर आदमी
आज भी क्यों नहीं समझ पाता॥
ओ चांडाल
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