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Monday, November 1, 2010

यथार्थ दर्शन एक अभूतपूर्व दर्शन

श्री प्रशांत योगीजी का यथार्थ दर्शन एक अभूतपूर्व दर्शन है। मुल्ला नसरुद्दीन की अलौकिक जीवन संजीवनी पढ़ी, ढ़कोलों एवं पाखंडों तथा ढ़ोंगी संत, बापुओं, मुल्ला और मौलवियों करारा प्रहार करते हुए इंसान को इंसान बनाने की बात कही जो एक सच्चे, दिव्य, सतत, शाश्वत एवं सनातन की पहुँच है। ऐसे बहुत कम दीवाने हैं जो अपनी जीवटता से अभूतपूर्व यथार्थ दर्शन का अहसास कराये। ऐसे योगी श्री प्रशांत योगी ही हो सकते हैं जो अपनी एक अमिट छाप मनुष्यता पर छोड़ते हैं। मैं उन्हें साधुवाद देता हूँऔर उनसे आग्रह करता हूँ कि आगे भी वे हमें ऐसे ही यथार्थ दर्शन का अबलोकन कराते रहें। प्रणाम।
भगवान सिंह हंस
एम-9013456949




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