यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Friday, February 4, 2011
अपने आप
अपने ही दिल को तसल्ली देने को अपनी ही आँखों से आँसूं छलका कर रो दिए
कोई कान्धा न मिला सिर रखने को अपने ही तकिये पर सिर टिका कर रो दिए
न सहलाया उस पर भी जब किसी ने ग़मगीन माथा अपनी ही उंगली बालों में फिरा कर सो गए ....
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