जगदीश परमार
काग्रेस मुस्लिम वोट के लिए कहां तक गिरेगी। पहले केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदम्बर ने देश में ‘भगवा आतंकवाद’ का हौव्वा खड़ा किया। फिर राहुल गांधी ने कहा कि सिमी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कोई फर्क नहीं है। इसके बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे ने मुम्बई हमले से महज कुछ घंटे पहले उन्हें बताया था कि उन्हें हिंदू संगठनों से खतरा है। दरअसल, कांग्रेस पार्टी का जनाधार लगातार कम हो रहा है इससे चिंतित होकर पार्टी नेता भगवा आतंकवाद के नाम पर मुस्लिमों का वोट बटोरना चाहते है, लेकिन देश की जनता असलियत जान चुकी है और कांग्रेस के सांप्रदायिक मंसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।
अब फिर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी चर्चा में हैं। राहुल का मानना है कि भारत को मुस्लिम आतंकवादियों की तुलना में हिंदू संगठनों से ज्यादा खतरा है। खुफ़िया कूटनीतिक दस्तावेज़ जारी करने वाली वेबसाइट विकीलीक्स के मुताबिक पिछले साल राहुल ने अमेरिकी राजदूत से बातचीत के दौरान कहा था कि भारत को मुस्लिम आतंकवादियों की तुलना में हिन्दू संगठनों से ज़्यादा ख़तरा है।
राहुल ने अमेरिकी राजदूत से कहा था, ‘भारतीय मुसलमानों के बीच कुछ ऐसे तत्व हैं जो लश्कर-ए-तैयबा जैसे इस्लामिक संगठनों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन उससे बड़ा ख़तरा तेजी से पांव पसार रहे चरमपंथी हिंदू संगठनों से है जो मुस्लिम समुदाय से धार्मिक तनाव और राजनैतिक वैमनस्य पैदा कर रहे हैं।’
राहुल के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में उबाल आ गया है। भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के बयान से तो किनारा कर लिया, लेकिन अब देखना है कि राहुल के बयान पर पार्टी क्या कहती है। कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने विकीलीक्स के इस खुलासे पर ही सवाल उठाया है और कहा है कि लगता है यह किसी साजिश का नतीजा है।
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