आदरणीय परम पूज्य ब्रह्म ऋषि श्री नीरव जी,
फिर से आया त्यौहार रंगों का, गीत रंगों का-मनमीत रंगों का,
नाम कर दें ऊँचा हम सब, गुरु-मात-पिता के अमर प्रेम का..
मित्रो, आप सभी को होली की हार्दिक शुभ कामनाएँ..आप सभी को मेरा कर-बद्ध प्रणाम...
प्रोफेसर अमित विकास हंस
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