श्री जगदीश परमार ने आदरणीय हंस जी को डॉ मधु के अस्वस्थ्य होने की सूचना दी !श्री नीरव जी का उन से दूरभाष पर वार्तालाप भी हुआ ! दुर्भाग्य से मेरी दूरभाष पर वार्तालाप की कोशिशे नाकाम रहीं !मैंने अपनी संवेदनाएं ब्लॉग के माध्यम से व्यक्त कर दीं !हम सब एक ही बोद्धिक परिवार के सदस्य हैं ! इस बोद्धिक रिश्तेदारी में और भी कितने सदस्य जुड़े हैं !मैं आत्मीय रिश्तों की बात ( उम्मीद )नहीं कर रहा !डॉ. मधु के उक्त शेर की सार्थकता को आप भी जियें ! प्रशांत योगी यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Thursday, March 3, 2011
संवेदनाओं को ढूढ़ते हुए रिश्ते ............
श्री जगदीश परमार ने आदरणीय हंस जी को डॉ मधु के अस्वस्थ्य होने की सूचना दी !श्री नीरव जी का उन से दूरभाष पर वार्तालाप भी हुआ ! दुर्भाग्य से मेरी दूरभाष पर वार्तालाप की कोशिशे नाकाम रहीं !मैंने अपनी संवेदनाएं ब्लॉग के माध्यम से व्यक्त कर दीं !हम सब एक ही बोद्धिक परिवार के सदस्य हैं ! इस बोद्धिक रिश्तेदारी में और भी कितने सदस्य जुड़े हैं !मैं आत्मीय रिश्तों की बात ( उम्मीद )नहीं कर रहा !डॉ. मधु के उक्त शेर की सार्थकता को आप भी जियें ! प्रशांत योगी
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