ग़ज़ल
बदनाम डगर है वो ,उस ओर न जाओ तुम
इंसान बनो जिससे , उस राह पे आओ तुम
अपराध किया है जो, एहसास करो उसका
मत गीत चुराओ तुम, मत शे`र चुराओ तुम
ख़ुद ग्रेट कहा ख़ुद को ,स्टार कहा ख़ुद को
कविताएँ लिखो पहले फिर टैग लगाओ तुम
बे शर्म लतीफ़ों से , मत भ्रष्ट करो इनको
यदि गीत ,ग़ज़ल हों तो, उनको ही सुनाओ तुम
अफ़सोस नये लड़के , बर्बाद किये तुमने
कुछ राह दिखाओ तुम , कवि धर्म निभाओ तुम
बदनाम डगर है वो ,उस ओर न जाओ तुम
इंसान बनो जिससे , उस राह पे आओ तुम
अपराध किया है जो, एहसास करो उसका
मत गीत चुराओ तुम, मत शे`र चुराओ तुम
ख़ुद ग्रेट कहा ख़ुद को ,स्टार कहा ख़ुद को
कविताएँ लिखो पहले फिर टैग लगाओ तुम
बे शर्म लतीफ़ों से , मत भ्रष्ट करो इनको
यदि गीत ,ग़ज़ल हों तो, उनको ही सुनाओ तुम
अफ़सोस नये लड़के , बर्बाद किये तुमने
कुछ राह दिखाओ तुम , कवि धर्म निभाओ तुम
- - नित्यानंद `तुषार`
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