श्री घनश्याम वसिष्ठजी आपका जय लोकमंगलका सदस्य ही नहीं बल्कि जय लोकमंगल परिवार में सक्रियरूप से शामिल होने के लिएऔर नीरव जाह्नवी में गोता लगाकर आचमन करके अभिषेक करने लिए लोकमंगल के हम सभी सदस्य आपका हार्दिक स्वागत करते हैं और अभिनन्दन करते हैं. आपकी बेहतरीन कवितायें हैं, पढ़ता रहता हूँ, बहुत आनंद आता है, ऐसे ही लिखते रहिये.
भगवान सिंह हंस
९०१३४५६९४९
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