यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Monday, July 25, 2011
शब्दिका
उनका देश प्रेम विज्ञापन की तरह कुर्सी मे खो गया ...... धोया -निचोया और हो गया --------- ............................ प्रकाश प्रलय,,कटनी ............ .........................................
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