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Thursday, December 8, 2011

धर्मज्ञ भरत ने पूछा

भरत चरित्र महाकाव्य से कुछ अंश आपके दर्शनार्थ--

धर्मज्ञ  भरत ने पूछा

प्रभु ने इल की कथा सुनायी. भरत लखन के मन बहु भायी.
भरत कहे  यह   बहु आश्चर्या. सविस्तार कहो    राम आर्या. 
प्रभु श्रीराम ने इल की कथा सुनायी. इल की कथा भरत और लक्ष्मण को बहुत अच्छी लगी. भरत ने राम से कहा, यह कथा बहुत आश्चर्यपूर्ण है. हे आर्य! इस कथा को सविस्तार  कहिए.
सौम्य! सुनी  बात पूर्व काला. कर्दम पुत्र   इल   धर्मवाला .
बाह्लिक   देश का वह नरेशा. सुरनाग सबहिं पूजि हमेशा.
सौम्य! सुनो, यह पूर्वकाल की बात है. कर्दमऋषि का पुत्र- इल बहुत धर्मज्ञ था. वह बाह्लिक देश का राजा था. देवता और नाग आदि सब उसको पूजते थे.
उदार धर्म पराक्रम वाला. प्रभावशाली स्थिर तन वाला.
रुष्ट बिलोक कांपि त्रिलोका. नरेश को कोई नहिं टोका.
वह राजा उदार, धर्मज्ञ, पराक्रम, प्रभावशाली और भाव वाला था. जब वह क्रोधित होकर देखता था तो तीनों लोक उससे काँपते थे. उस राजा को कोई नहीं टोक सकता था.
बिलोक मनोरम चैत्र मासा. राजा  का  अन्तः  उल्लासा.
वन में खेलन गया शिकारा. मारे गज पशु दसहिं हजारा. 
एक बार चैत्रमास का मनोरम द्रश्य देखकर राजा का अन्तः बहुत उल्लसित हुआ.  और वह वन में शिकार खेलने के लिए चला गया. उसने वन में दस हजार हाथी और अन्य  पशु मार दिए. 
संतुष्ट नहीं हुआ   नरेशा. और अग्र   बढ़ा   वन   प्रदेशा.
जहाँ कार्तिकेय जन्म पाया. वही दुर्गम स्थान जु लखाया.
वह राजा फिर भी संतुष्ट नहीं हुआ. और उस वनप्रदेश में आगे बढ़ता गया.  और वह वहाँ पहुँचा जहाँ कार्तिकेय का जन्म हुआ था. उसको वही दुर्गम स्थान दिखाई दिया.
वह शिवजी का विहार स्थाना. जहाँ उसको नहीं था जाना.
उमाबल्लभ जु   विहार    रूपा.  निरख चराचर    हों   स्त्रीरूपा.
वह शिवजी का विहार स्थान था जहाँ उसको नहीं जाना था. उस समय उमा और रूद्र विहाररूप में थे.
यदि उनको कोई चराचर इस हाल में देख ले तो उसका स्त्रीरूप हो जाता है.
जु नृपहि इल हुआ सुन्दर नारी. देख रूद्र की शरण निहारी.
शिवजी भाषे उठो नरेसा. नरत्व तजि    मांगो      चहि    जैसा.
उन्हें देखते ही राजा इल एक सुन्दर स्त्री बन गया. ऐसा देखकर वह शिवजी की शरण में गया. शिवजी बोले, हे राजा! नररूप छोड़कर तुम कुछ भी मन चाहा वर मांगो.

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प्रस्तुति -

योगेश  



                                                                                        

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