मित्रों कई वर्ष पूर्व जब सैयद शहाबुद्दीन ने गणतंत्र के बहिष्कार की बात कही थी तब एक मु्तक कहा था जिसे अमर उजाला,दैनिक जागरण और दैनिक आज ने शीर्षक बनाया था ।६३वें गणतंत्र दिवस पर वह मुक्तक आपको सौंप रहा हूं---
भावनाओं का अपनी परिष्कार करिये
नहीं राष्ट्र का यों तिरस्कार करिये
इसी देश में बंधु रहना तुम्हें है
गणतंत्र का मत बहिष्कार करिये,
-अरविंद पथिक
भावनाओं का अपनी परिष्कार करिये
नहीं राष्ट्र का यों तिरस्कार करिये
इसी देश में बंधु रहना तुम्हें है
गणतंत्र का मत बहिष्कार करिये,
-अरविंद पथिक
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