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Friday, January 6, 2012

भारत के विषय में महान विद्वान घोषणा करते हैं




विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथा गीता का विद्वान जुलियस आर. ओपैनहाइमर :
हमें आधुनिक भौतिकी‌ में‌ क्या मिलता है : प्राचीन हिन्दू ज्ञान का उदाहरण, प्रोत्साहन एवं परिष्करण।. . . . .
'वेदों की सुलभता' पिछली शताब्दियों की तुलना में इस शताब्दी का सर्वश्रेष्ठ अनुदान है।
(स्रोत : 'द डाओ आफ़ फ़िज़िक्स' – फ़्रित्याफ़ काप्रा)
गीता विश्व की किसी भी‌ भाषा में दर्शन का सुन्दरतम गान है।. . .
पाश्चात्य सभ्यता की भयानकतम वैज्ञानिक उपलब्धि के बरअक्स भारत के महानतम साहित्यिक चिरस्थायी ग्रन्थ भगवद्गीता द्वारा प्रदत्त सर्वाधिक जगमग करता आत्मज्ञान . . . .
क्रिस्चिअयन सैन्चुरी पत्रिका के पूछने पर कि किन दस पुस्तकों ने उऩ्हें सर्वाधिक प्रभावित किया है, उनमें दो पुस्तकें थी - 'गीता' और भर्तृहरि का 'शतकात्रयम'
(स्रोत : ' द् आइ आफ़ शिव' : ईस्टर्न मिस्टिसिज़म एन्ड साइन्स' - अमोरी द रैन्कुर)
१६ जुलाई १९४५ के न्यू मैक्स्को में ट्रिनिटी परीक्षण में‌ हुए प्रथम परमाणु बम के विस्फ़ोट को देखते हुए भावप्रवणता में उनके मुख से गीता के दो श्लोक अचानक फ़ूट पड़े : "यदि आकाश में एक सहस्र सूर्यों की कौँध एक साथ भभक उठे, ऐसी दीप्ति उस सर्वशक्तिमान की होगी. . . “ “अब मैं तो स्वयं काल हो गया हूं, विश्व का विनाशक")
इसी आशय का कोरस 'डाक्टर एटोमिक'ओपेरा ( जान एडम्स) के अंक '२' दृश्य '३' में गाया है, संगीत लेखन प्रसिद्ध 'पीटर सैलर्स ने किया है।
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क्वाण्टम भौतिकी के लिये प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कृत वैर्नैर हाइज़ैनबर्ग :
भारतीय दर्शन पर विमर्श के पश्चात क्वाण्टम भौतिकी की‌ कुछ अवधारणाएं जो पहले अजीबोगरीब लग रही थीं, अचानक बोधगम्य हो गईं।
(स्रोत : 'वैदिक इनिक्वैलिटीज़् एन्ड हिन्दुइज़म' – ओ. पी. गुप्ता )
भारतीय दर्शन पर विमर्श के पश्चात क्वाण्टम भौतिकी की‌ कुछ अवधारणाएं जो पहले अजीबोगरीब लग रही थीं, अचानक बोधगम्य हो गईं।
(स्रोत : 'वैदिक इनिक्वैलिटीज़ एन्ड हिन्दुइज़म' – ओ. पी. गुप्ता )
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