अखिल
भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन
नववर्ष काव्य संध्या
नोएडा-31 दिसंबर2011
अखिल भारतीय भाषा
साहित्य सम्मेलन की राष्ट्रीय राजधानी इकाई ने नव वर्ष की पूर्व संध्या पर एक
सरस-सबरंग गीतों और ग़ज़लों का एक रोचक कार्यक्रम नोएडा स्थित रायटर्स डेस्क के
सभागार में आयोजित किया जिसका आनंद देर रात तक श्रोताओं ने मंत्र मुग्ध होकर लिया।
कार्यक्रम का प्रारंभ कविताओं से हुआ जिसकी शानदार शुरूआत ओजस्वी कवि अरविंद पथिक
ने की। जिसमें उन्होंने नए वर्ष का स्वागत और पिछली साल से शिकवे-शिकायतें भी की।
इसके बाद संस्कार सारथी के संपादक मुकेश परमार ने
मंच संभाला। और आगे प्रवासी संसार के संपादक राकेश पांडेय ने गिरमिटिया मजदूरों के दर्द को
अपनी कविता में बयां किया। इसके बाद संचालन कर रहे पंडित सुरेश नीरव ने दार्शनिक भावभूमि की गज़लें सुनाकर वातावरण को
जीवंत-जाग्रत कर दिया। पंडित सुरेश नीरव के बाद माइक संभाला डी.डी. भारती के
निदेशक और ख्यात कवि श्री कृष्ण कल्पित ने। उन्होंने भी अपनी ग़ज़लों के जरिए महफिल
के लुत्फ को और गाढ़ा कर दिया। शुक्रवार के संपादक सुकवि विष्णुनागर ने इस अवसर पर
जनकवि नागार्जुन को कविता के जरिए याद किया। इस अवसर पर पाकिस्तान से आए संगीतकार
शायर रईस मिर्जा ने भी बेहद संजीदा ग़ज़लें सुनाईं और वातावरण को शायराना कर दिया।
रायटर्स डेस्क के सीईओ योगेश मिश्रा ने अपनी चुटीली और धारदार कविताएं पढ़कर माहौल
को और भी हंसीन कर दिया। पी4चैनल के निदेशक शरद दत्त ने इस आयोजन की अध्यक्षता की।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में पंडित ज्वाला प्रसाद ने उपने संगीत का जादू बिखेरते
हुए चुनिंदा ग़ज़लों का गायन कर महफिल की पुरजोर वाहवाही लूटी।
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प्रतिक्रिया-
जयलोकमंगल के कई सदस्य इस आयोजन में शरीक नहीं हो पाए क्योंकि हमने इसकी सूचना ब्लॉग पर दी थी और वे नियमित ब्लॉग पढ़ने के अभ्यस्त नहीं हैं और कुछ को मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन उठाया नहीं और पलट के फोन करना वे अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। बहरहाल पथिकजी ने मझ सहित कवियों को लाने और घर छोड़ने में जो अपने उत्सव का बलिदान किया वह मनुष्यता के कलैंडर में लाल अक्षरों में जरूर दर्ज हो गया है। मैं उन अथिथियों का भी आभारी हूं जो इक ज़रा-सी सूचना पर वहां पहुंच गए और कार्यक्रम की गरिमा को जिन्होंने बढाया। चूंकि फोटोग्राफी भी पथिकजी ने की इसलिए उनके फोटो आने का कोई सवाल ही नहीं उठता। भले ही कई लोगों पर कैमरे थे। उन्होंने त्वरित गति से समाचार की रपट फोटो सहित देकर जिस फुर्ती का प्रदर्शन किया है मैं तो उस पर ही फिदा हूं।
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