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Sunday, February 19, 2012

नाम हंस हो कर्म-सनातन, वचन सारस्वत देत..

ए.वी.हंस
नाम हंस हो कर्म-सनातन,  वचन सारस्वत देत.
श्री भगवानसिंह हंस के ज्येष्ठ पुत्र ए.वी.हंस ने अपने अनुज लोकेश हंस की शादी के मंगल पर्व पर जो सारस्वत वचनों से उन्हें शुभाशीर्वाद दिया है वह बड़ा ही अनुपम है। और सारगर्भित भी। मैं भी जयलोकमंगल की ओर से सभी मित्रों की शुभशंसा उन्हें सस्नेह प्रेषित कर रहा हूं। बधाई
.पंडित सुरेश नीरव

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