यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, February 15, 2012
सोच चले जा मिथ्या की जय बोल सत्य का मुंह काला आचरणों में ढोंग ओढ़कर बन कोमल साकी बाला नेह दिखाकर जैसे भी हो भर ले प्याला जनमत का बन जा कुटिल कुशल न तुझको दूर लगेगी मधुशाला
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