दूरदर्शन पर कविता पढ़ते हुए पंडित सुरेश नीरव |
होली मनी धूम से
दोस्तों की दुआओं से कल अपने भी रिश्ते बने शोहरत की हवाओं से। दूरदर्शन ने जहां कल मेरे संचालन में कविसम्मेलन प्रसारित किया वहीं आज पी-7 चैनल ने और दूरदर्शन ने11.57 से 1.00बजे तक मेरी कविताओं के खातिर अपने समय को उत्साहपूर्वक खर्च किया। न मैं हाथी पर था ना साइकल पर। और न ही मेरे हाथ में कमल था मगर फिर भी इस नाचीज़ को मीडिया ने तरजीह दी इस अनुभव से अपुन भी फूल कर कुप्पा हो गए हैं। कुछ खास लोगों के भी मेरी इस खुशी में मुंह फूल गए हैं।
कल भाई नागेश पांडेय संजय ने दूरदर्शन पर कविता पढ़ते हुए मेरी तस्वीर ब्लॉग पर डाली है। उन्हें मेरा रंग-बिरंगा धन्यवाद।
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