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Sunday, April 1, 2012

जिंदगी के खुशनुमारंग


आइए हम उस समझदार चित्रकार की तरह से जीना सीखें जो मधुर प्रार्थनाओं से ज़िंदगी की तस्वीर का रेखांकन करता है, क्षमाभाव की रबर से अनावश्यक रेखाओं को मिटाता है और धैर्य की तूलिका को प्रेम के रंगों में डुबाकर जिंदगी की तस्वीर में रोज़ खुशनुमा रंग भरता है।
-पंडित सुरेश नीरव
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पुस्तक समीक्षा-
निर्मल जीवन का रहस्य
लेखिका-रेज़ीना बॉन्सल
प्रकाशकः हिंद पॉकेट बुक्स
पृष्ठः155,मूल्यः 99 रुपये

रोज़मर्रा के तनावों को हराने का हुनर
महत्वाकांक्षा, प्रतिस्पर्धा,असुरक्षा और अवसाद आज की भाग-दौड़भरी ज़िंदगी के ऐसे अपरिहार्य अंग बन चुके हैं जो तोहफे में हमें सिर्फ़ तनाव देते हैं। इस बहुस्तरीय तनाव को खारिज़ करने के लिए आधुनिक समाज में आजकल तनाव-प्रबंधन एक महत्वपूर्ण जरूरत बनकर उभरा है। श्री श्री रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग के तहत शारीरिक मुद्राओं,श्वसन क्रियाओं,ध्यान तथा आध्यात्मिक नियमों के जरिए दुनियाभर के लोगों को तनाव प्रबंधन की तमाम उपयोगी तकनीकें सिखाते हैं। श्री श्री रविशंकर की प्रथम जर्मन शिष्या रेज़ीना बॉसल ने जीवन की उलझी हुई समस्याओं को सुलझाने और हर हाल में प्रसन्न रहने के आर्ट ऑफ लिविंग के उन अनेक उपयोगी सूत्रों को इस संग्रह में उदघाटित किया है जो अभी तक निर्मल जीवन के रहस्य ही बने हुए थे। ये सूत्र जहां अनिवार्य को आत्मसात् करने और व्यर्थ की छंटाई करने के सार्थक सलीके से हमारी चेतना को लैस करते हैं वहीं योगासन,प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया-जैसी आध्यात्मिक रिट्रीट एक्सरसाइज के जरिए जीवन को सुंदरता और आनंद की खिलावट हासिल करने के रचनात्मक गुर भी मुहैया कराते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग का सिद्धांत है कि जो कुछ भी आत्मा को संवारे वही अध्यात्म है। और वर्तमान में अपनी उपस्थिति का बोध ही आनंद है। तनाव हमेशा मन में उपजता है। और ये मन एक पतंग है। सांस इस पतंग की डोर है। श्वास के समुचित व्यायाम से हम मन की पतंग को साध कर तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। कुल मिलाकर निर्मल जीवन का रहस्य पुस्तक अपने पढ़नेवाले को एक ऐसी मानसिक स्पष्टता और आंतरिक बुद्धिमत्ता उपल्ब्ध कराती है जिसके बूते वह रोज़मर्रा के तनावों को पराजित करने का हुनर आसानी से हासिल कर सकता है।
पंडित सुरेश नीरव

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