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Thursday, September 20, 2012

रजमी साहब नहीं रहे

गहरा दुःख, मुजफ्फर रजमी साहब नहीं रहे, अल्लाह उनको शुकून दे। 

उड़ गया गंगा-जमुनी तहजीब का परा,
खाली रह  गया ये  कोना धरा का धरा।

भगवान  सिंह हंस 

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