सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन |
शिक्षक दिवस की महत्ता
बात सन् 1949 की है। सर्वपल्ली डॉक्टर
राधाकृष्णन सोवियत संघ में बतौर भारतीय राजदूत रूस के राष्ट्राध्यक्ष जोसेफ
स्टालिन से मिलने गए। स्टालिन उनके सम्मान में खड़े हो गए और बड़े आदर से उन्हें
यह कहते हुए कुर्सी पर बैठाया कि- मेरे लिए आप एक शिक्षक हैं। जो राजदूत से कहीं
बड़ा होता है। भारत में आज एक शिक्षक के लिए उसके महकमें का छुद्र अधिकारी भी अदना
से एक मास्टर के लिए क्या कभी ऐसा करेगा। मुगल काल में हुमायुं ने एक भिश्ती को जैसे एक दिन के लिए देश
का बादशाह बनाया था वैसे ही शिक्षक दिवस पर कुछ अध्यापकों को सरकार सम्मानित कर के
एक दिन का बादशाह बनाकर उसे अपने ही छात्रों से पिटने के लिए छोड़ देती है। क्योंकि
अध्यापक का विद्यार्थी से सख्ती बरतना आज की तारीख में कानूनी अपराध है।
पंडित सुरेश नीरव
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