आज अमिताभ बच्चन 70 साल के हो गए।
आज से
20 साल पहले मुझे और मेरे पत्रकार मित्रों को नेपाल एक कार्यक्रम में जाना था।
मेरे साथ सुरेखा विज़(टाइम्स ढफ इंडिया) रेखा व्यास(दूरदर्शन),रेखा सिंह(जागरण) और
अनीस अहमद खान (वीरअर्जुन) के साथ थे। उसी फ्लाइट में अमिताभ बच्चन और श्री देवी
भी थे। सभी की इच्छा थी कि अणिताभ बच्चन से बातचीत की जाए। मगर इतनी बड़ी शख्सियत
के पास जाने की हिम्मत किसी में नहीं हो रही थी। इसी उधेड़बुन में काठमांडू आ गया।
और सभी लोग यात्री एअरपोर्ट से बाहर जाने
लगे। साथियों का आग्रह सत्याग्रह की हद तक पहुंच गया। अमिताभजी काफी दर निकल गए थे। हिम्मत करके मैंने अमिताभजी को ग्वालियरी स्टाइल में खूब
ज़ोर से आवाज़ दी। चूड़ीदार पाजामा,कुर्ता और उस पर शॉल ओढ़े अमिताभजी रुक गए।
मैंने बिना किसी भूमिका के अपने पत्रकार मित्रों को उनसे मिलवाना शुरू कर दिया।
अमिताभजी न केवल सभी से प्रेम से मिले बल्कि दूसरे दिन अपनी फिल्म की शूटिंग देखने
का निमंत्रण भी उन्होंने हम सभी को दिया। आज भी इस घटना को जब भी हमलोग याद करते
हैं,उनके लिए मन में एक श्रद्धा उभर आती है। ऐसे कलाकार हज़ारों साल में कोई पैदा
होते हैं। वह दीर्घायु हों, ईश्वर से यही मंगल कामनाएं।
पंडित सुरेश नीरव
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