यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, October 17, 2012
डूबें जो कुछ लाख पर होने को बदनाम माननीय होते नहीं इतने भी नादान इतने भी नादान न झूठी बातें जोड़ो तब होता विश्वास जो होते कई करोड़ों कहें वेनी प्रसाद देख राजा, कलमाड़ी इतनी ओछी नहीं रही ,कुल कीर्ति हमारी घनश्याम वशिष्ठ
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