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Tuesday, October 9, 2012

लिखते रहो... दिखते रहो

प्रकाश प्रलयजी,
आपने कटनी के कार्यक्रम की विस्तृत रिपोर्टिंग भेजी है। पढ़कर आनंद आया। आजकल आप संचालन की धूम मचाए हुए हैं,यह खुशी की बात है और खूब शब्दिकाएं भी लिख रहे हैं। ऐसे ही लिखते रहे और दिखते रहें..मेरी शुभकामनाएं।
भगवानसिंह हंसजी,
आपने श्मशान भूमि के आयोजन की बड़ी ही जीवंत रिपोर्टिंग की है। उसके लिए हार्दिक धन्यवाद।. साथ ही आपने अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में सफल कविता फाठ किया यह सुन-पढ़कर मन को बहुत ही प्रसन्नता हुई। आप ऐसे ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ते रहें,प्रभु से यही कामना करता हूं।
मेरे प्रणाम..
पंडित सुरेश नीरव

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