यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
Search This Blog
Wednesday, October 24, 2012
हमारे बीच जो टूटा हुआ रिश्ता है , घाव गहरा है, रह रह कर रिसता है घनश्याम वशिष्ठ
No comments:
Post a Comment