बृहद भरत चरित्र महाकाव्य
से
कुछ प्रसंग आपके ब्रह्मानंद हेतु--
गिरि जलधि नदी ताल तलंइया। कहीं देखी सिया तरु छंइया।।
पल्लव सुमन लता जु सुहानी। तुमने देखी क्या मम रानी . .
राम सबसे पूछते हैं। पर्वत, समुद्र, नदी, ताल, तलैया कहीं तुमने सीता को देखा है। तरु तुम्हीं बताओं कि सीता कहीं अपनी छाँव में छिपी देखी है। पल्लव, सुमन, लता तुम बहुत सुहाने हैं, तुमने मेरी रानी कहीं देखी है।
ककुभ अर्जुन कदम्ब अशोका। जामुन आम धव कुरव लोका। .
पशु विहगगण स्रपी गजराजा। सिय को बताओ वर समाजा . .
ककुभ , अर्जुन, कदम्ब, अशोक, जामुन, आम, धव, कुरव आदि तुम लोक में हैं, क्या तुमने मेरी सीता देखी है। पशु, पक्षी, सर्प, और हाथी तुम्हीं बताओ कि सीता कहाँ है।
तुम ही बताओ वायुदेवा। कहीं द्रगित सिया सूर्यदेवा। .
हे रजनीकर, तुम्हीं बताना . वसुंधरा लखी चुप निदाना। .
हे वायुदेव तुम ही सीता को बताओ। हे सूर्यदेव बताओ, कहीं सीता देखी है। चन्द्रमा तुम बताओ, सीता कहीं देखी है। अंत में वे धरती माता से पूछते हैं कि हे धरती माता , मेरी सीता कहाँ समा गयी। तू क्यों नहीं बताती।
प्रस्तुतकर्ता-
योगेश
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