Search This Blog

Saturday, March 16, 2013

होरी है रे होरी है आज ब्रज में होरी है

 
 
 
 

होरी  है  रे  होरी  है।
आज ब्रज में होरी है।

गलियन में आये हुरियारे।
पिचकारी  मारें  दन सारे।
छैल छबीले  नैनन  कारे।
प्रेमरंग में रंगे  हैं ये  वारे।
गोरेगालन पै  रंग तिहारे।
गलियन में खेलें हुरियारे।
बिगारी मेरी गजब चोली 
मैं ब्रज की वनिता भोली 
क़ानून बने  सख्त  न्यारे।
होरी खेलौ संभल कै प्यारे।

--भगवान  सिंह हंस


 

No comments: