विश्व कविता दिवस
विश्व स्वयं कविता है ब्रहम्मा की। और आज विश्व कविता दिवस है। घृणा,द्वेश और आतंक से मुक्त एक निर्मल गीत की तरह हो यह विश्व और वैदिक ऋचाओं-सा हो पवित्र हर प्राणी का आचरण,मेरी प्रार्थनाओं के अंतःकरण का यही अनहद् संगीत है।-पंडित सुरेश नीरव
No comments:
Post a Comment