यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Friday, May 10, 2013
नज़रें चुराते हो क्यूँ भला , कोई अपनी ही चीज़ चुराता है क्या . घनश्याम वशिष्ठ
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