सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति-
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आप सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं। भगवान कृष्ण को समर्पित एक रचना आप सभी को सादर..
जन्माष्टमी पर विशेष-
देवभूमि आज फिर कृष्ण को पुकारती
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मोर के पखुअन को माथे पै मुकुट धारि
सांवली सलौनी छवि श्याम की सुहावती
आवती औ जावती मधुवन धावती
पल-पल प्रीत बन सांसन में छावती
मंद-मंद मुरली की मधुरिम तान सुन
भारती लो कान्हाजी की आरती उतारती।
00
आरती उतारती रागनी उचारती
मथुरा में जमुनाजी चरण पखारती
बंद कर पलकों को मुंदे-मुंदे नयनो से
आठों याम राधा घनश्याम को निहारती
00
कर्म ही सुकर्म है ये सिद्ध करने के लिए
धर्म की सुरक्षा हेतु बने कृष्ण सारथी
आततायी,उग्रवादी दानवों के वध हेतु
देवभूमि आज फिर कृष्ण को पुकारती।
-सुरेश नीरव
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आप सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं। भगवान कृष्ण को समर्पित एक रचना आप सभी को सादर..
जन्माष्टमी पर विशेष-
देवभूमि आज फिर कृष्ण को पुकारती
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मोर के पखुअन को माथे पै मुकुट धारि
सांवली सलौनी छवि श्याम की सुहावती
आवती औ जावती मधुवन धावती
पल-पल प्रीत बन सांसन में छावती
मंद-मंद मुरली की मधुरिम तान सुन
भारती लो कान्हाजी की आरती उतारती।
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आरती उतारती रागनी उचारती
मथुरा में जमुनाजी चरण पखारती
बंद कर पलकों को मुंदे-मुंदे नयनो से
आठों याम राधा घनश्याम को निहारती
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कर्म ही सुकर्म है ये सिद्ध करने के लिए
धर्म की सुरक्षा हेतु बने कृष्ण सारथी
आततायी,उग्रवादी दानवों के वध हेतु
देवभूमि आज फिर कृष्ण को पुकारती।
-सुरेश नीरव
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