एक ताज़ा ग़ज़ल-
घुप अंधेरा है
चाहे जिधर देखिए
बेईमानी की काली
सहर देखिए
अब सियासत भी तो
एक धंधा ही है
सबकी है
कुर्सियों पे नज़र देखिए
जिसको सब टोपियों
में सजाये फिरे
अब वो झाड़ू गई
है बिखर देखिए
फिर सियासत ने
अगवा वतन कर लिया
उड़ रही है ये
ताज़ा ख़बर देखिए
टैक्स के ब्लेड
से जेब काटी गई
अपनी सरकार का
ये हुनर देखिए
मिर्च के स्प्रे
की चली आंधियां
देखिए सांसदों
का कहर देखिए
कितनी कीमत में
कोई कहां बिक गया
आप नीरव से ये
पूछकर देखिए।
-पंडित सुरेश नीरव
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1 comment:
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टैक्स के ब्लेड से जेब काटी गई
अपनी सरकार का ये हुनर देखिए
फिर सियासत ने अगवा वतन कर लिया
उड़ रही है ये ताज़ा ख़बर देखिए
वाह ! वाऽह…!
आदरणीय पंडित सुरेश नीरव जी
मत्ले से मक़्ते तक शानदार ग़ज़ल है...
मिर्च के स्प्रे बिंब कमाल है !
हालांकि शे'र में कुछ छूटने के कारण टूट रहा है...
सुंदर रचना के लिए साधुवाद
आपकी लेखनी से सदैव सुंदर श्रेष्ठ सार्थक सृजन होता रहे...
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार
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