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Saturday, July 25, 2009

लाजवाब रचनाएं

भाई राजमणि जी द्वारा प्रस्तुत समीर जी की रचना मार्मिक है। ऐसी सुंदर रचना प्रस्तुत करने के लिए साधुवाद। पंडित जी आप तो आजकल गज़ब ढा रहे हैं। आज की ग़ज़ल बेहतरीन ग़ज़ल है। एक एक शेर चुनिन्दा है। खासतौर से घिनौना मंत्री , क्या बात है। बहुत उम्दा। आपके मख्ते को पढ़कर कुछ मन में आया।
इश्क ने ग़ालिब तिकोना कर दिया
वरना तुम भी आदमी चौकोर थे।
मृगेन्द्र मकबूल

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