यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, July 28, 2009
थोड़ी देर में
आज मैंने ब्लाग देखा। भाई राजमणी जी ने अच्छी ग़जल दी है और मकबूल जी ने भी। सुरेश नीरव जी के कता भी लाजवाब हैं। थोड़ी देर में मेरी रचना भी आप तक पहुंचेगी। अशोक मनोरम
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