सभी भाईयों को मेरी राम-राम । मैं जरा कुछ दिनों के लिए थारी दिल्ली से बाहर हवा खान चला गया था । सो आप पढ़े सिखे भाईयों से बात करना पढ़ना देखना न हो पाया ।
आज जरा ब्लाग देख्या भाई पं. नीरव जी की गजल, भाई भगवान सिंह हंस का भी विचार पढ्या अच्छा लाग्या । सबने बधाई ।
प्रदीप कुमार शुक्ला
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