आज तो ब्लॉग पर कविताओं की बहार है. एक-से बढ़कर एक मामला है। सभी बंधुओं को ढ़ेरों बधाई। कल मधु-द्वय की रचनाएं बहुत अच्छी लगीं। और मकबूलजी हमेशा की तरह मंजे हुए रहे। पं. सुरेश नीरव और राजमणिजी का सहयोग भी बेशकीमती ही माना जाएगा। खुदा के बम्लाग पर रौंनके सदा आबाद रहें। आमीन
चांडाल
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