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Monday, August 3, 2009

तहेदिल से मैं शुक्रिया

अपने गीत के कद्रदानों को तहेदिल से मैं शुक्रिया अदा करती हूं। आप लोगों की हौसला आफजाही से बहुत ताकत मिलती है और अच्छा लिखने की। जो लोग नियनित अपना रचनात्मक योगदान दे रहे हैं मैं उनके लिए भी श्द्धा भाव रखती हूं। दूर हूं और और कुछ मशरूफियतें भी ऐसी हैं कि रोज़ नहीं लिख पाती हूं मगर देखती जरूर हूं, ळोक मंगल को। मधु चतुर्वेदी

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