कई दिन बाद आप सबसे मुखातिब हो रहा हूँ क्योंकि सेवा निवर्त के बाद एक वर्ष नाक शाशिकीय आवास मैं अतिरिक्त रह कर उसकी खली करना ही था और जब स्थान परिवर्तन करेंगे तो नई जगह मैं स्थापित होने मैं समय लगना ही था। खैर अब लगता है गाड़ी चल पड़ी है। पंडित नीरव जी का इस मध्य दूरभाष द्वारा उलाहना भी मिलाता रहा की इतने दिन नदारत क्यों है । आज मेरे एक साथी ने एक छोटा मेल भेजा और लिखा की आप गरीबी मैं पैदा हों इसमे आप का दोष नन्ही क्योंकि यह आप नन्ही चुन सकते परन्तु शादी तो पैसे वाला ससुर चुन कर कर सकते हैं । और इसी अनुरूप पाकिस्तान के प्रसिद्ध क्रिकिट्र्र जावेद मिंदाद के बेटे की शादी दाउँद ibrahim की बेटी से अभी कुछ दिन pahale ही पाकिस्तान हुई है । तो समझदार kaptan ने बेटे के लिए thik ससुर का chunav किया और age पाकिस्तान मैं भाई के रिश्ते और भी mazboot हो जायेंगे । आने वाले समय मैं पाकिस्तान के halat और भी ख़राब हो सकते हैं ।To bachhon ka is नए सोच से avagat रखा जाए । अब बच्चों n को क्या sihkaya जाए । और भी karab hosakate an nayi bato ।
munindra नाथ
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