सुरेश नीरवजी आपकी ग़ज़ल बहुत बढ़िया रही। बधाई। मकबूलजी ने मेराज साहब की गज़ल अछ्छी चुनी है। और राजमणिजी ने हस्तीमल हस्ती से खूब परिचित कराया है। सभी को बधाई। कल आई.टी.एस में आप सबकी रचनाएं सुनेंगे। मैं अपने साथियों सहित पहुचूंगा। मधुजी का संचालन देखेंगे। और आपकी कारीगरी। रजनीकांत राजू को एडवांस में शुभकामनाएं।
भगवान सिंह हंस
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